बुरा क्यों
बुरा क्यों
गर्मी के मौसम में, मैं समुद्र के किनारे स्कूल के साथ घूमने गया था। सारे बच्चों की तरह मैं भी उत्सुक था। जैसे ही हम वहां पहुंचे मैं और मेरे सभी दोस्त रेत के साथ खेलने लगे और वहीं बैठा समुद्र की ठंडी लहरों का आनंद लेता। उस दिन जब मैं समुद्र के किनारे पेड़ के नीचे बैठ कर दोस्तों से बात कर रहा था, तबी मेरी नजर एक कीड़े पर पड़ी। वह अपने बिल तक पहुंचने के लिए बहुत कोशिश कर रहा था, लेकिन बार-बार लहरें आती और उसे पीछे ले जाती। वह भी अपने पैर बालू में गड़ा देता और लहरों के जाने के बाद फिर अपने बिल की और चल देता। मैं वहां बैठा यही देख रहा था कि कीड़ा अपने बिल तक पहुंचने में सफल भी हो पाएगा या नहीं। अबकी बार जब लहरें आई तो जाते हुए एक मेंढक को छोड़ गई। मेंढक कीड़े को देखकर जैसे ही उस पर झपटा तभी वृक्ष पर बैठी चील बिजली की गति से आई और मेंढक को उठाकर ले गई। कीड़ा अपने बिल तक पहुंचने में सफल हो गया। और मेरी समझ में आ गया था कि किसी का बुरा क्यों?
लेखक : प्रिन्स सिंहल